पृथ्वी की सतह पर हिमांकमंडलीय अध्ययनों में बर्फ, भूमि पर बर्फ आवरण, स्थाई तुषार भूमि आदि से जलमंडल और वायुमंडल की सूची, गतिशीलता, परिवर्तन और पारस्परिक क्रिया शामिल हैं। इन हिमांकमंडलीय तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण इन्हें जलवायु परिवर्तनों के प्रति सबसे संवेदनशील बनाते हैं। इसी वजह से ये वैश्विक जलवायु परिवर्तन से संबंधित कई तरह के वैज्ञानिक अध्ययनों का केंद्र रहे हैं। ये क्षेत्र वैश्विक विकिरण बजट, समुद्र धाराओं का परिसंचरण, समुद्र के स्तर की स्थिरता, नदियों में जाने वाले मीठे पानी की मात्रा, परिदृश्यों के रूपांतरण आदि को संचालित करते हैं। भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रहों से प्राप्त डेटा की मदद से अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (सैक) पिछले ढाई दशकों से ध्रुवीय तथा हिमालय के निम्नतापमंडल से संबंधित त्वरित एवं विश्वसनीय जानकारी निकालने तथा प्रसारित करने के लिए विभिन्न तकनीकों/तरीकों के विकास में योगदान दे रहा है। वर्तमान गतिविधियों में शामिल हैं:
दो तारीखों की एडब्ल्यूआईएफएस और रीसैट छवियों का उपयोग कर अंटार्कटिका में एक हिमशैल के बहाव को देखा गया
हिमालय के निम्नतापमंडल का अध्ययन
- सी-बैंड रीसैट एसएआर, लिस III और डीईएम डेटा द्वारा ग्लेशियर मानचित्रण
- लिस-III /रीसैट सी-बैंड एसएआर डेटा का उपयोग करते हुए सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र घाटी की ग्लेशियर सूची का अद्यतनीकरण
- बड़ी संख्या में ग्लेशियरों के क्षेत्र और तुण्ड में परिवर्तन की निगरानी
- जियोडेटिक और अनुभवजन्य दृष्टिकोण के उपयोग से ग्लेशियर द्रव्यमान संतुलन अध्ययन
- 5 दिवसीय अंतराल पर भारतीय हिमालयी क्षेत्र के बर्फ कवर का अध्ययन
- ग्लेशियर सूचना को एक मंच पर देखने के लिए एक हिमालयी ग्लेशियर जानकारी प्रणाली का विकास
ओएसएससीएटी डेटा का उपयोग कर गर्मियों और सर्दियों की मध्यमान और मानक विचलन छवियों द्वारा अंटार्कटिका में सतह आकृति विज्ञान निकाली गई। अंटार्कटिक बर्फ की चादर की सतह आकृति विज्ञान के सभी वर्ग भिन्न हैं
ध्रुवीय निम्नतापमंडल अध्ययन
- स्केट्रोमीटर के प्रयोग द्वारा समुद्री बर्फ की पहचान
- तुंगतामापी का उपयोग कर समुद्री बर्फ की मोटाई का अनुमान
- अंटार्कटिक के इर्द-गिर्द बर्फ विरूपण का आकलन और खोज दृष्टिगत एवं एसएआर डेटा
- बर्फ की चादर के वेग और ध्रुवीय ग्लेशियरों ऑप्टिकल और खोज दृष्टिगत एवं एसएआर डेटा
- अंटार्कटिक/आर्कटिक क्षेत्र की दृष्टिगत एवं एसएआर डेटा के माध्यम से आकृति विज्ञान अध्ययन
- समुद्री बर्फ और हिमशैल अध्ययन दृष्टिगत एवं एसएआर डेटा
हिमालयी ग्लेशियर और अंटार्कटिका के अभियान
- सैक का वैज्ञानिक दल अंटार्कटिका और हिमालय क्षेत्र में दूरदराज के ग्लेशियरों को जाने वाले अभियानों में नियमित रूप से भाग लेता है। इसका उद्देश्य उपग्रह छवियों से प्राप्त जानकारी को मान्य करना और आंतरिक रूप से विकसित ग्राउंड मर्मज्ञ रडार, स्पेक्ट्रोरेडियोमीटर, डीजीपीएस आदि उपकरणों का उपयोग कर यथा-स्थान डेटा एकत्र करना है।
एडब्ल्यूआईएफएस और रिसैट एमआरएस से प्राप्त छवियाँ- बर्फ से ढका घाटी ग्लेशियर (हिमाचल प्रदेश में समुद्र टापू ग्लेशियर) जो रीसैट छवि में दिखाई दे रहा है