हमारे अध्यक्ष
S. Somanath

श्री एस सोमनाथ

अध्यक्ष इसरो, सचिव अंतरिक्ष विभाग


श्री एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को सचिव, अंतरिक्ष विभाग तथा अध्‍यक्ष, अंतरिक्ष आयोग का पदभार ग्रहण किया। इससे पहले वे प्रमोचन यान प्रौद्योगिकी विकास हेतु उत्तरदायी अग्रणी केंद्र, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वी.एस.एस.सी.), के निदेशक के रूप में सेवाएं दे रहे थे। इससे पूर्व, वे दिसंबर 2017 तक वलियमला, तिरुवनंतपुरम स्थित द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (एल.पी.एस.सी.) के निदेशक थे। आप विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के सह निदेशक (परियोजना) भी रहे तथा आपने जी.एस.एल.वी. मार्क III प्रमोचन यान के परियोजना निदेशक का कार्यभार भी सँभाला। परियोजना निदेशक के तौर पर आपके नेतृत्‍व में, एल.वी.एम.3-एक्‍स./केयर मिशन की प्रथम प्रायोगिक उड़ान को 18 दिसंबर 2014 को सफलतापूर्वक पूरा किया गया था।

उन्होंने वर्ष 1985 में वी.एस.एस.सी. में सेवा आरंभ की और पी.एस.एल.वी. के विकास चरण के दौरान समाकलन दल का नेतृत्‍व किया। परियोजना प्रबंधक, पी.एस.एल.वी. के रूप में पी.एस.एल.वी.-सी.4 के प्रमोचन तक पी.एस.एल.वी. सतत कार्यक्रम के दौरान, यांत्रिकी, पायरो तकनीक प्रणालियों, समाकलन तथा उपग्रह प्रमोचन सेवा प्रबंधन क्षेत्रों का कार्यभार सँभाला। वाणिज्यिक लघु उपग्रहों के प्रथम बार प्रमोचनों की परिकल्‍पना की व संपादन किया और लघु उपग्रह आरोपण एवं पृथक्‍कन प्रणालियों को विकसित किया, जिसके द्वारा पी.एस.एल.वी. में कई वाणिज्यिक उपग्रहों को सफलतापूर्वक प्रस्‍तारित किया गया है। उप परियोजना निदेशक के रूप में वर्ष 2003 के दौरान, आरंभिक चरण में ही जी.एस.एल.वी. मार्क-III परियोजना से जुड़े तथा यान के संपूर्ण डिजाइन, मिशन डिजाइन, संरचनात्‍मक डिजाइन तथा समाकलन के लिए उत्तरदायी थे।

श्री सोमनाथ प्रमोचन यानों की प्रणाली अभियांत्रिकी के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। पी.एस.एल.वी. तथा जी.एस.एल.वी. मार्क-III के संपूर्ण आर्किटेक्‍चर, नोदन चरण डिजाइन, संरचनात्‍मक तथा संरचनात्‍मक गतिकी डिजाइनों, पृथक्‍कन प्रणालियों, यान समाकलन तथा समाकलन प्रक्रिया विकास में आपने योगदान दिया है। आप वी.एस.एस.सी. ‘संरचनात्‍मक इंजीनियरी एंटिटी’ के उप निदेशक भी रहे हैं तथा नवंबर 2014 तक वी.एस.एस.सी. में ‘नोदन तथा अंतरिक्ष आयुध एंटिटी’ के उप निदेशक रहे।

निदेशक, एलपीएससी के रूप में जीएसएलवी एमके-III डी1 उड़ान में सफलतापूर्वक प्रमोचित सीई20 क्रायोजेनिक इंजन और सी25 चरण के विकास और अर्हता को पूर्ण करने वाले दल का आपने नेतृत्व किया है। चंद्रयान-2 के लैंडर क्राफ्ट के लिए उपरोधनीय इंजनों का विकास अन्य महत्वपूर्ण विकास गतिविधि थी। आपके नेतृत्व में जीसैट-9 में 18एमएन प्रणोद वैद्युत नोदन प्रणाली की प्रथम बार में सफल उड़ान, 75 एमएन एवं 300 एमएन प्रणोद स्थायी प्लाज्मा प्रणोदक का सफलतापूर्वक विकास भी किया गया।

आपने जनवरी, 2018 में निदेशक, वीएसएससी का प्रभार ग्रहण किया। आपके नेतृत्व में, वीएसएससी ने पैड अबोर्ट परीक्षण (पीएटी) के माध्यम से कर्मीदल निकास प्रणाली प्रदर्शन, जीएसएलवी एमके-III एम1/ चंद्रयान 2 का प्रमोचन, 50वें पीएसएलवी का प्रमोचन, पीएस4 कक्षीय प्लेटफॉर्म प्रयोग आदि जैसी महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। हाल में आपने भावी गगनयान मिशन के लिए कर्मीदल मॉड्यूल प्रणालियों, जीएसएलवी एमके-III की मानव अनुकूलता, समाकलित यान स्वास्थ्य मॉनीटरन प्रणाली, आदि सहित महत्वपूर्ण प्रणालियों के विकास का नेतृत्व किया है। आपने लागत एवं समय इष्टतमीकरण के लिए विभिन्न नवाचार प्रौद्योगिकियों एवं उत्पादन कार्यप्रणालियों सहित लघु उपग्रह प्रमोचन यान (एसएसएलवी) के विकास को दिशा प्रदान की है।

श्री सोमनाथ ने टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, कोलम से यांत्रिक अभियांत्रिकी में बी. टेक. और भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलूरू से वांतरिक्ष अभियांत्रिकी में संरचना, गतिकी एवं नियंत्रण में विशेषज्ञता सहित स्नातकोत्तर (मास्टर्स) किया है।

आप इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (आईएनएई), एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एईएसआई), एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई) के फेलो और इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स (आईएए) के सदस्य हैं।

आपने संरचनात्मक गतिकी एवं नियंत्रण, पृथक्करण यंत्रावली का गतिकी विश्लेषण, कंपन एवं ध्वनि-विज्ञान परीक्षण, प्रमोचन यान डिजाइन और प्रमोचन सेवाओं के प्रबंधन के क्षेत्र में पत्रिकाओं एवं संगोष्ठियों में अनेक पत्र प्रकाशित किए हैं।

श्री सोमनाथ ने वियेना के यूएन-सीओपीओयूएस, इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिकल फेडेरेशन (आईएएफ) के अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम समितियों, विभिन्न देशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस (आईएसी) में डेलीगेट एवं प्रतिनिधि के रूप में कई यात्राएं की हैं। आप आईएएफ के उपाध्यक्ष, तकनीकी गतिविधियों के प्रभारी और अंतरिक्ष परिवहन एवं अंतर्राष्ट्रीय परियोजना हेतु तकनीकी समिति/कार्यक्रम प्रबंधन समिति के सदस्य हैं।